इस आर्टिकल में हम वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारक का ज़िक्र करेंगे। यह बाल विकास ( बाल मनोविज्ञान) के मुख्य टॉपिक्स में से एक है।
वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को जानने से पहले हमें ये जानना आवश्यक है कि वृद्धि और विकास अलग-अलग शब्द ही नही, इनके अर्थ भी अलग अलग हैं।
वृद्धि से तात्पर्य शारीरिक वृद्धि से होता है जबकि विकास शारीरिक के अलावा मानसिक, सामाजिक आदि होता है। वृद्धि को अंग्रेजी में Growth और विकास को Development कहते हैं।
आइये जानते हैं वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में।
वृद्धि और विकास को नीचे दिए गए प्रमुख कारक प्रभावित करते हैं
वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारक कई हैं। पर हम यहां मुख्य कारकों का उल्लेख कर रहे हैं। जो अहम भूमिका निभाते हैं।
आनुवांशिकता
जब भी बात होगी वृद्धि और विकास की, तब तब अनुवांशिकता का नाम आएगा। अधिकांश बच्चों की वृद्धि और विकास उनके माता पिता पर भी निर्भर करती है। पीढ़ी दर पीढ़ी कुछ गुणों का स्थानांतरण आनुवांशिकता कहलाता है।
क्योंकि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में गुण हस्तानांतरित होते हैं इस वजह से वृद्धि और विकास प्रभावित होते हैं।
वातावरण
वातावरण मुख्य रूप से विकास को प्रभावित करता है। कहा जाता है कि हमारे आसपास का माहौल जैसा होगा हम वैसे ही बन जाएंगे। यहां तक कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि हम जैसा सोचते हैं वैसा बन जाते हैं।
और हमारी सोच विकसित होती है हमारे आसपास के वातावरण से। अतः यह कहा जा सकता है कि विकास को प्रभावित करने वाला एक मुख्य कारक वातावरण भी है।
पोषण
पोषण मुख्य रूप से वृद्धि को प्रभावित करता है। परन्तु पोषक तत्वों की कमी से भी विकास प्रभावित होता है। क्योंकि मानसिक विकास खान पान पर भी निर्भर करता है। अतः पोषण का भी प्रभाव पड़ता है।